शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि घर में शिवलिंग रखने और उसकी पूजा करने से उसमें भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा आती है। इसके अलावा, इसे देवता का प्रतिनिधि माना जाता है और इसकी पूजा करने से व्यक्ति समृद्ध और खुशहाल होता है। मान्यता है कि घर में अंगूठे के आकार का शिवलिंग रखना शुभ होता है।
नागलोक के राजा वासुकि (Vasuki Naag), भगवान शिव के परम भक्त थे तथा पुराणों के अनुसार सर्वप्रथम शिवलिंग की पूजा का प्रचलन भी नाग जाति के लोगों ने ही शुरू किया था। भगवान शिव ने वासुकि की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें अपने गणों में शामिल कर लिया था और भगवान शिव के साथ हमेशा के लिए हो गये ।
शिव परिवार की पूजा करने से भक्तों की बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। माता पार्वती को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और विजय का देवता माना जाता है।
मान्यता है कि महादेव का मस्तक और गला ठंडा रखने के लिए शिवलिंग के ऊपर कलश स्थापित किया जाता है, जिससे 24 घंटे पानी बूंद-बूंद शिवलिंग पर टपकता रहता है। मान्यता है कि जो भी भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है, उस पर शिवजी की कृपा सदैव बनी रहती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
शिव-शक्ति की सम्मिलित ऊर्जा का प्रतीक है शिवलिंग । शिवलिंग पर लगातार जल चढ़ाया जाता है । इस जल को अत्यंत पवित्र माना गया है । ये जल जिस मार्ग से निकलता है, उसे निर्मली, सोमसूत्र और जलाधारी कहा जाता है ।
शिवलिंग के सामने बैठे नंदी को इस बात का संकेत माना जाता है कि हर व्यक्ति को प्रकृति से विमुख हो जाना चाहिए और अपना सारा ध्यान केवल भगवान की ओर लगाना चाहिए। नंदी यानी बैल हमेशा चार पैरों पर बैठे हुए ही दिखते हैं। इसे स्थिरता का प्रतीक माना जाता है और वह सत्य ,धर्म, शांति और प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है।
त्रिशूल को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। सावन के महीने में यदि आप शिवजी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो घर में चांदी का त्रिशूल लाकर पूजाघर में रखें। ऐसा करने से आपको शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। अगर आप चांदी का त्रिशूल नहीं ला सकते तो तांबे का भी लाकर अपने घर में रख सकते हैं।
नर्मदेश्वर शिवलिंग पेंडंट को धारण करने से धारण करने वाले व्यक्ति के मन से नकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं और वह व्यक्ति सुखद विचारों का धनी हो जाता है। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे हम बिना किसी चिंता के अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।